WHAT DOES SHIV CHAISA MEAN?

What Does Shiv chaisa Mean?

What Does Shiv chaisa Mean?

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वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

The mother hen Maina wishes his passion, His remaining aspect adorns an enchanting sort. He holds a trident in his hand, a symbol of electrical power, Often destroying the enemies.

Whosoever provides incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with like and devotion, enjoys materials joy and spiritual bliss in this world and hereafter ascends for the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eliminated the struggling of all and grants them Everlasting bliss.

O Glorious Lord, consort of Parvati You might be most merciful . You mostly bless the weak and pious devotees. Your stunning type is adorned with the moon in your forehead and on your ears are earrings of snakes' hood.

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥ जन्म जन्म के पाप नसावे ।

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय more info कपीस more info तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

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